17 नवंबर 2025 - 14:18
ईरान फ़िल्म इंडस्ट्री की अंतरराष्ट्रीय फिल्म फ़ेस्टिवल में शानदार एंट्री

1952 में स्थापित यह समारोह दुनिया भर की श्रेष्ठ फ़िल्मों को प्रदर्शित करने की लंबी परंपरा रखता है और फिल्मकारों व दर्शकों के लिए वैश्विक सिनेमा का अनूठा मंच प्रदान करता है।

भारत के अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में ईरान की तीन फ़िल्में चयनित हुई हैं। यह भागीदारी वैश्विक सिनेमा में ईरान की बढ़ती मौजूदगी और प्रभाव को दिखाती है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, IFFI में इस साल ईरान तीन फ़िल्में पेश कर रहा है। पहली फ़िल्म "रहा" है, जिसे अंग्रेज़ी नाम "My Daughter’s Hair" के साथ दिखाया जाएगा। इसके निर्देशक हैं हेसाम फरहमंद। यह फ़िल्म Best Debut Feature Film of a Director सेक्शन में प्रदर्शित होगी।
कहानी एक मिडल क्लास परिवार के इर्द-गिर्द है, जो एक छोटे-से हादसे के बाद बड़ी मुसीबतों में फँस जाता है। तौहीद अपनी बेटी के बाल बेचकर लैपटॉप खरीदता है, लेकिन जल्द ही एक अमीर परिवार यह दावा करता है कि लैपटॉप उन्हीं का है और विवाद शुरू हो जाता है।

दूसरी फ़िल्म है "चश्म बादामी" (अंग्रेज़ी: "K-Poper") जिसका निर्देशन इब्राहिम अमीनी ने किया है। यह फ़िल्म ICFT UNESCO Gandhi Medal के लिए प्रतिस्पर्धा करेगी।
कहानी एक ईरानी किशोरी की है जो एक मशहूर कोरियाई के-पॉप गायक की दीवानी है और सियोल जाकर उसे देखने और एक प्रतियोगिता में भाग लेने का सपना रखती है, लेकिन उसकी माँ इसका कड़ा विरोध करती है।

तीसरी फ़िल्म "Woman and Child" है, जिसका निर्देशन सईद रुसताई ने किया है। यह फ़िल्म फेस्टिवल के ग़ैर-प्रतिस्पर्धी सेक्शन में दिखाई जाएगी।
कहानी 40 वर्षीय विधवा नर्स महनाज़ की है, जो अपने बिगड़ैल बेटे अलीयार की समस्याओं से परेशान है। सगाई समारोह के दौरान हुए एक हादसे के बाद महनाज़ को धोखे और नुकसान का सामना करना पड़ता है और वह न्याय की तलाश में निकलती है।

बता दें कि IFFI दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा फ़िल्म महोत्सव है और FIAPF द्वारा Competitive Feature Films कैटेगरी में मान्यता प्राप्त एकमात्र भारतीय फेस्टिवल है।
1952 में स्थापित यह समारोह दुनिया भर की श्रेष्ठ फ़िल्मों को प्रदर्शित करने की लंबी परंपरा रखता है और फिल्मकारों व दर्शकों के लिए वैश्विक सिनेमा का अनूठा मंच प्रदान करता है।

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